Thursday, August 19, 2010

राजस्थान की प्रमुख जनजातियॉं

राजस्थान की प्रमुख जनजातियॉं
अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या की दृष्टि से भारत में राजस्थान का छठॉं स्थान है।
1- मीणा- मीणा जनजाति का 51 प्रतिशत लगभग। भाग पॉच जिलों -दौसा, जयपुर, करौली, सवाई माधोपुर तथा उदयपुर में - मीणा का शाब्दिक अर्थ मछली - पितृवंशीय परंपरा, शक्ति के उपासक - पटेल, मीणाओं के परंपरागत नेता है।
2- भील- राज्य की दूसरी प्रमुख जनजाति- स्थाई कृषक-अच्छे तीरंदाज-कर्नल टोंड इनका निवास मेवाड़ की अरावती पर्वत श्रेणियों में मानते हैं- इनका मुखिया पालवी, सम्मिलित झोंपडी पाल तथा घर कू कहलाता है राज्य के दक्षिणी-पूर्वी भाग में।
3- गरासिया- चौहान राजपूतों के वंशज-पशुपालन और कृषि।
4- सांसी- भरतपुर जिले के कुछ भागों में।
5- सहरिया- 99.4 प्रतिशत किशनगंज व शाहबाद में-बहुपत्नी प्रथा-वधु-मूल्य।
6- डामोर- राज्य के दक्षिणी क्षेत्र में- स्वयं को राजपूत मानते हैं-बहुपत्नी विवाह।
राज्य की अन्य जनजातियॉं हैं- दमोर, भाखा, टायडी, बावली, कठोडिया, कालीघोर, नेकदा पटिलिया, टोली, पाटवा आदि।

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